गुरु मधुकर की सुशिष्याओं का दीक्षा दिवस महामंदिर प्रथम पोल में मनाया गया

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ प्रथम पोल महामंदिर के तत्वावधान में श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी म.सा की अंतेवासिनी राजगुरुमाता अध्यात्मयोगिनी महासती श्री उमरावकुंवरजी म.सा का 88 वां दीक्षा दिवस, राजस्थान प्रवर्तिनी महासती श्री सुप्रभाजी म.सा और मरुधरा ज्योति महासती श्री कमलप्रभाजी म.सा का 51 वां दीक्षा दिवस गुरु मधुकर शिष्या मरुधरा ज्योति महासती श्री कमलप्रभाजी म.सा आदि 5 के सान्निध्य में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी लब्धिप्रभा  ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा की आपकी जन्मभूमि अकोला महाराष्ट्र लेकिन आपकी कर्मभूमि महामंदिर जोधपुर है 

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 श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ प्रथम पोल महामंदिर के तत्वावधान में श्रमण संघ के प्रथम युवाचार्य श्री मधुकर मुनिजी म.सा की अंतेवासिनी राजगुरुमाता अध्यात्मयोगिनी महासती श्री उमरावकुंवरजी म.सा का 88 वां दीक्षा दिवस, राजस्थान प्रवर्तिनी महासती श्री सुप्रभाजी म.सा और मरुधरा ज्योति महासती श्री कमलप्रभाजी म.सा का 51 वां दीक्षा दिवस गुरु मधुकर शिष्या मरुधरा ज्योति महासती श्री कमलप्रभाजी म.सा आदि 5 के सान्निध्य में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी लब्धिप्रभा  ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा की आपकी जन्मभूमि अकोला महाराष्ट्र लेकिन आपकी कर्मभूमि महामंदिर जोधपुर है आपके पिता घीसूलाल जी बोकडिया एवं माता उमरावदेवी बोकडिया थे मात्र 12 वर्ष की उम्र में आपको महासती सोहनकंवर जी की कृपा से वैराग्य आया और मात्र 15 वर्ष की उम्र में स्वामी जी श्री बृजलाल जी म. सा. एवं युवाचार्य श्री मधुकर मुनि जी म. सा. के मुखारविंद से  इसी महामंदिर की धन्य धरा पर 9 दिसंबर 1974  को संयम जीवन ग्रहण किया। आपने भगवान महावीर के सिद्धांतों को घर-घर में पहुंचाया शासन की अद्भुत प्रभावना की ज्ञान दर्शन चरित्र रूपी रत्नत्रय से जीवन को महकाया आप दीर्घायु हो चिरायु शासन की सेवा करते रहे आप यथा नाम तथा गुण के सागर है कमल पुष्प के जैसा  आपका जीवन  निर्लिप्त और निर्मल है गुरुणीमैया का आशीर्वाद हमेशा हम पर बना रहे।
साध्वी सुदर्शनप्रभा ने कहा कि आपके सानिध्य में आने वाला प्रत्येक व्यक्ति सुख शांति को प्राप्त करता है ।साध्वी मणिप्रभा एवं साध्वी निष्ठा श्री ने गीतिका के माध्यम से शुभकामनाएं दी। संघ अध्यक्ष शांतिलाल बोहरा ने बताया कि हमारा सौभाग्य है कि आज हमें दीक्षा दिवस मनाने का अवसर मिला गुरुणीमैया के संयम जीवन की बहुत-बहुत अनुमोदना करते हैं एवं शुभकामनाएं करते हैं। इस अवसर पर  पारसमल जी भंडारी, हुकुमीचंद नाहर, शांतिलाल लूंकड, दीपक कोठारी, डिंपल लोढ़ा , सुशीला कवाड़ , मनीष टाक आदि ने अपने भाव व्यक्त किए।

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Author
Rajendra Harsh
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