ख्वाजा अब्दुल लतीफ़ शाह रहमतुल्लाह अलैह के 123वें उर्स की आधिकारिक घोषणा एवं पोस्टर विमोचन

ख्वाजा अब्दुल लतीफ़ शाह साहिब नज़मी सुलेमानी चिश्ती अल फारूकी रहमतुल्लाह अलैह के 123वें सालाना उर्स की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को दरगाह प्रांगण में की गई दरगाह प्रवक्ता अमजद खान ने बताया पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े उर्स के पोस्टर का विमोचन दरगाह सज्जादानशीन पीर मोहम्मद नजमुल हसन लतीफी साहब की मौजूदगी में दरगाह नाज़िम पीर कारी मोहम्मद अबुल हसन मिनाई के हाथों संपन्न हुआ।

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-ख्वाजा अब्दुल लतीफ़ शाह साहिब नज़मी सुलेमानी चिश्ती अल फारूकी रहमतुल्लाह अलैह के 123वें सालाना उर्स की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को दरगाह प्रांगण में की गई दरगाह प्रवक्ता अमजद खान ने बताया पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े उर्स के पोस्टर का विमोचन दरगाह सज्जादानशीन पीर मोहम्मद नजमुल हसन लतीफी साहब की मौजूदगी में दरगाह नाज़िम पीर कारी मोहम्मद अबुल हसन मिनाई के हाथों संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में पीर कमरूल हसन मिनाई, पीरजादा फैजुल हसन लतीफी, अब्दुल वाहिद मीनाई, अय्यूब मीनाई, फिरोज फेम, रियाज मुल्लाजी, मास्टर हसनैन साहब, पीर जावेद मीनाई, हाफ़िज़ रिजवान नूरी, जियाउद्दीन खान, असलम मिनाई, छोटू भाई, नईम फौजदार, राजा चिश्ती, आदिल चिश्ती, इकरार चिश्ती, आमीन अब्बासी, वाजिद भाई और साबिर चिश्ती सहित कई अकीदतमंद उपस्थित रहे।
दरगाह नाज़िम पीर कारी मोहम्मद अबुल हसन मिनाई ने बताया कि 13 से 19 दिसंबर तक सात दिनों तक चलने वाले उर्स में प्रतिदिन विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उर्स का कार्यक्रम इस प्रकार रहेगा —
13 दिसंबर: रात को गुस्ल की रस्म व चारागाह।
14 दिसंबर: शाम को झंडे की रस्म व संदल, रात में तकरीर एवं नात-ख़्वानी।
15 दिसंबर: रात में महफ़िल-ए-कव्वाली।
16 दिसंबर: कौमी एकता सम्मेलन व साम्प्रदायिक सौहार्द पर विशेष कार्यक्रम “निशाने लतीफ़”।
17 दिसंबर: बड़ी चादर की रस्म और ऐतिहासिक जुलूस।
18 दिसंबर: रात को बड़ी महफ़िल, जिसमें देशभर से सूफ़ी कव्वाल और अकीदतमंद शामिल होंगे।
19 दिसंबर: अल सुबह दुआ और कुल की रस्म के साथ उर्स का समापन किया जाएगा।

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Author
Rajendra Harsh
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