गुजरात से मादा टाईगर को माचिया पार्क में शिफ्ट

जोधपुर में मादा टाईगर की कमी को देखते हुए उप वन संरक्षक, वन्यजीव जोधपुर द्वारा केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZAI) को एक मादा टाईगर माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर में उपलब्ध करवाने हेतु निवेदन किया गया।


जोधपुर के माचिया जैविक उद्यान में लंबे समय से मादा टाईगर की कमी महसूस की जा रही थी। इस आवश्यकता को देखते हुए उप वन संरक्षक, वन्यजीव जोधपुर द्वारा केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) को एक औपचारिक निवेदन भेजा गया, जिसमें माचिया जैविक उद्यान के लिए एक मादा टाईगर उपलब्ध करवाने का आग्रह किया गया। इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने जूनागढ़, गुजरात से एक मादा टाईगर को जोधपुर स्थानांतरित करने की अनुमति प्रदान की। साथ ही, विनिमय के रूप में माचिया जैविक उद्यान, जोधपुर से पाँच मादा चिंकारा को जूनागढ़ स्थित चिड़ियाघर में भेजने की स्वीकृति भी दी गई।

निर्देशों की पालना करते हुए उप वन संरक्षक, वन्यजीव जोधपुर द्वारा एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी श्री करण सिंह राजपुरोहित, पशु चिकित्साधिकारी डॉ. कंचन सारस्वत तथा वन विभाग के अन्य आवश्यक कार्मिकों को शामिल किया गया। टीम का उद्देश्य मादा टाईगर के सुरक्षित, व्यवस्थित और मानक प्रक्रिया के अनुरूप स्थानांतरण की निगरानी एवं संचालन करना था।

टीम ने 26 नवंबर 2025 की प्रातः जूनागढ़, गुजरात में निर्धारित प्रक्रिया पूरी करते हुए मादा टाईगर को सुरक्षित रूप से वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर, जोधपुर पहुंचाया। यात्रा के दौरान सभी सुरक्षा उपायों और दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन किया गया, जिससे ट्रांजिट के दौरान टाईगर को किसी प्रकार का तनाव या स्वास्थ्य समस्या न हो।

वन्यजीव विभाग के अनुसार, मादा टाईगर को वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर में एक माह तक क्वारंटीन में रखा जाएगा। इस अवधि में विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम उसके स्वास्थ्य, व्यवहार और अनुकूलन प्रक्रिया पर निरंतर निगरानी रखेगी। क्वारंटीन अवधि पूर्ण होने के बाद मादा टाईगर को माचिया जैविक उद्यान के विशेष रूप से विकसित टाईगर केज में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहाँ पर्यटक भी उसे देख सकेंगे।

मादा टाईगर के आगमन से माचिया जैविक उद्यान में जैव विविधता में वृद्धि होगी और पर्यटकों के आकर्षण में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने की संभावना है। वन्यजीव विभाग ने इसे उद्यान के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया है।

 
 
0
Author
Rajendra Harsh
Author
Rajendra Harsh

Write a Response