जोधपुर डेयरी में टेंडर घोटाले का आरोप — न्यूनतम दर वाले को हटाकर दुगनी दर पर दिया जा रहा काम, ₹1 लाख भी जब्त
- Posted on 8 नवम्बर 2025
- जोधपुर
- By Rajendra Harsh
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जोधपुर। ब्यूरो रिपोर्ट
जोधपुर डेयरी में दुग्ध परिवहन की निविदा में भारी धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन, जयपुर को दी गई शिकायत में जोधपुर डेयरी के प्रबंधक संचालक लालचंद बलाई और प्लांट मैनेजर भूपेश सोलंकी पर मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने और चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।
जोधपुर डेयरी में टेंडर घोटाले का आरोप — न्यूनतम दर वाले को हटाकर दुगनी दर पर दिया जा रहा काम, ₹1 लाख भी जब्त
जोधपुर। ब्यूरो रिपोर्ट
जोधपुर डेयरी में दुग्ध परिवहन की निविदा में भारी धांधली और भ्रष्टाचार का आरोप सामने आया है। राजस्थान कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन, जयपुर को दी गई शिकायत में जोधपुर डेयरी के प्रबंधक संचालक लालचंद बलाई और प्लांट मैनेजर भूपेश सोलंकी पर मिलीभगत से टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने और चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं।
शिकायतकर्ता के अनुसार, 5 अप्रैल 2025 को जारी टेंडर में उनकी बोली ₹27.49 प्रति किलोमीटर (15,000 किलोग्राम पर) सबसे कम थी। इसके बावजूद टेंडर को निरस्त कर दिया गया और उनकी जमा एमडी राशि ₹1 लाख रुपये बिना कारण जब्त कर ली गई।
* मनमानी और पक्षपात के आरोप
शिकायत में कहा गया है कि 9000 किलोग्राम श्रेणी में भी न्यूनतम दर वालों को काम नहीं दिया गया, लेकिन उनकी राशि लौटा दी गई, जबकि अन्य की जब्त कर ली गई। इससे प्रबंधन पर मनमानी और पक्षपात का संदेह गहराया है।
* नई निविदा में “मिलिभगत” के संकेत
बाद में 4 सितम्बर 2025 को जारी नई ई-निविदा में कई जटिल और अनावश्यक शर्तें जोड़ी गईं। इससे कम दर वाले निविदादाताओं को बाहर कर दिया गया। नई प्रक्रिया में केवल चार निविदादाता ही रह गए — और चारों ने 49.94 रुपये प्रति किमी की समान दर दी।
शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि यह "कोरटेल" (समूह बनाकर) निविदा में मिलीभगत का स्पष्ट प्रमाण है।
* अन्य संघों में आधी दर पर हो रहा वही काम
शिकायत में बताया गया कि राजस्थान के अन्य दुग्ध संघों, जैसे उदयपुर डेयरी में, यही दुग्ध परिवहन कार्य ₹25.41 प्रति किलोमीटर (15000 किलोग्राम पर) में कराया जा रहा है, जबकि जोधपुर डेयरी में इसे लगभग दुगनी दर पर देने की तैयारी है। इससे डेयरी संघ को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की आशंका जताई गई है।
* जांच और कार्रवाई की मांग
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि प्रबंधक संचालक ने पहले कम दर के टेंडर को निरस्त करने के लिए “भारी रिश्वत” ली थी और अब भी उच्च दर पर टेंडर देने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने राज्य सरकार और डेयरी फेडरेशन से मांग की है कि प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि डेयरी को नुकसान से बचाया जा सके।
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