BSF और IIT जोधपुर का बड़ा कदम: हाईटेक सीमाओं के लिए एंटी-ड्रोन और AI निगरानी तकनीक पर साझेदारी
- Posted on 6 नवम्बर 2025
- जोधपुर
- By Manoj Upadhyay
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बीएसएफ और आईआईटी जोधपुर ने भारत की सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी की है। इस समझौते के तहत दोनों संस्थान एआई आधारित निगरानी प्रणाली, ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक, सुरक्षित संचार नेटवर्क और स्मार्ट बॉर्डर प्रबंधन जैसी स्वदेशी तकनीकों पर काम करेंगे। यह पहल आत्मनिर्भर भारत के विजन को आगे बढ़ाते हुए सीमाओं को अधिक स्मार्ट और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
भारत की सीमाओं को और ज्यादा सुरक्षित और आधुनिक बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया गया है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर (IIT जोधपुर) ने उन्नत स्वदेशी तकनीकों के विकास और उपयोग के लिए एक समझौता किया है। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य सीमाओं पर निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक बनाना है।
● यह एमओयू बीएसएफ राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक एम.एल. गर्ग और आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल के बीच हस्ताक्षरित हुआ। इस मौके पर बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी और आईआईटी जोधपुर के प्रोफेसर मौजूद रहे।
● दोनों संस्थान मिलकर ड्रोन और एंटी-ड्रोन तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली, सुरक्षित संचार नेटवर्क और स्मार्ट बॉर्डर मैनेजमेंट जैसी तकनीकों पर काम करेंगे। इन नवाचारों से सीमाओं की सुरक्षा और संचालन क्षमता में बड़ा सुधार आने की उम्मीद है।
● आईआईटी जोधपुर के निदेशक प्रो. अविनाश कुमार अग्रवाल ने कहा कि यह सहयोग भारत की तकनीकी विशेषज्ञता को राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यावहारिक समाधानों में बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है। उन्होंने इसे आत्मनिर्भर और प्रौद्योगिकी-समर्थ भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
● यह पूरी पहल आईआईटी जोधपुर के मानेकशॉ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज़ एंड रिसर्च (MCOENSSR) के माध्यम से संचालित की जाएगी, जो रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में रणनीतिक नवाचार और स्वदेशी तकनीक विकास पर केंद्रित है।
● बीएसएफ इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (BICIT), नई दिल्ली ने इस सहयोग को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है। बीएसएफ के महानिरीक्षक एम.एल. गर्ग ने कहा कि यह साझेदारी सीमा प्रबंधन में स्वदेशी नवाचार को प्रोत्साहित करेगी और बीएसएफ की निगरानी क्षमताओं को और सशक्त बनाएगी।
● यह समझौता भारत में शैक्षणिक संस्थानों और सुरक्षा बलों के बीच सहयोग का एक नया अध्याय है। इससे देश में अगली पीढ़ी की घरेलू सुरक्षा तकनीकें विकसित होंगी और भारत की सीमाएं तकनीक-संचालित और अधिक सुरक्षित बनेंगी।
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